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Saturday, December 19, 2009

My Story

बड़ी आधी अधूरी ख्वाहिशों में…
बड़े बेचैन से इन रास्तों में…
बहुत तनहा सफ़र की बोरियत में …
बड़े बेजान से इन काफिलों में…
मैं अपनी दुनिया ढूंढता हूँ…
मैं अपने रस्ते चल रह हूँ….
यही है बस मेरा सारा मुकद्दर….
यही है बस मेरी पहचान भी अब..
तुम्हें आना है मेरे साथ आओ…..तुम्हें जाना है मुझसे दूर जाओ |

मुझे शिकवा नहीं कोई किसी से…
मुझे हैरत नहीं है जिंदगी से…
मैं अपनी चालें चल रहा हूँ…
तुम अपनी चालें चलते जाओ…
यही है बस मेरा सारा मुकद्दर….
यही है बस मेरी पहचान भी अब..
तुम्हें आना है मेरे साथ आओ…..तुम्हें जाना है मुझसे दूर जाओ |

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